अकेला खड़ा हूँ इन राहों पर,
तुम हाथ थाम लो न ज़रा।
भरे आँख अश्कों से मेरे,
हँसी होंठो पर भर दो न ज़रा।
आँखे बंद करके देखो!
दूर नीला आकाश नज़र आ रहा है,
हम तुम खड़े हैं किसी छोर पर,
और तुम्हारा दिल घबरा रहा है।
इसी घबराहट में,
तुम सांसों को और क़रीब कर लो न ज़रा…
भरे आँख अश्क़ों से मेरे…।
अब ज़रा आंखें खोलो!
क्या क्या तुम्हें दिखायी दे रहा है,
बरसता बादल प्यार की दुहाई दे रहा है,
दर्द भरा मेरा गीत सुनाई दे रहा है।
इसी दर्द में,
तुम थोड़ा और प्यार भर दो न ज़रा…
भरे आँख अश्कों…।
– तेजस
बढ़िया 👌👌👌
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